Search Engine Optimization Course Fees – Free

( SEO ) का full form Search Engine Optimization  होता है, Online में अगर आपकी कोई Website, You Tube Channel या Blog है और उस पर आप Search Engines के द्वारा लोगों की Free में ढेर सारी Traffic  लाना चाहते हैं। तो उसके लिए आपके Website का Content SEO के अनुकूल होना बहुत जरूरी होता है। Traffic यानी:- आपके Website पर आने वाले लोग उसे (traffic)  कहते हैं।

हमारे Website पर हम जो भी Content डालते हैं फिर उसमें Text, Images या फिर Videos ही क्यों ना हो इन सभी को हमें Search Engine के हिसाब से Optimize करना होता है जिससे कि आप की Website जैसी और दूसरी  ढेर सारी Website होने के बावजूद आपकी Website Search Engine के Top 10 पोजीशन के अंदर दिखे और आपकी Website को जीवन भर Free Traffic मिलती रहे।

जो Top Bloggers, SEO Experts है उनकी Websites को हर महीने लाखों में Free  Traffic मिलती है। तो इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह लोग सिर्फ और सिर्फ SEO और उनके Quality Content के बदौलत कितनी सारी कमाई करते होंगे।

SEO के अलावा अपनी Website पर Traffic लाने के बहुत से जरिए हैं जैसे कि Facebook पर अपने विषय से जुड़े अलग-अलग Groups को जुड़ना और उन Groups पर अपने Website के Links को छोड़ना साथ ही  खुद का Facebook Page और Group बनाना, Instagram Account Create करना, Social Media Platforms पर Advertisement खरीदना, Google, Bing, Yahoo जैसे Search Engine Platforms पर Advertisement खरीदना,  Solo Ads खरीदना, Instagram Influencers के माध्यम से Traffic लाना यह सारे Options हमारे पास उपलब्ध होते है ही।

लेकिन इन  विकल्पों का उपयोग करके हम अगर Free में हमारी Website पर Traffic लाना चाहते हैं तो उस Traffic की संख्या बहुत कम होती है क्योंकि इस तरीके में आप आपकी Website के Link जितने Social Media Platforms पर डालोगे और उनमें से भी जो लोग आपके Link को Click करने में Intrested होंगे उतने ही  लोग आपकी Website पर आएँगे।

लेकिन आप Social Media पर जितने ज्यादा Links डालोगे तो उतना ही ज्यादा आपकी Website का Spam Score भी बढ़ सकता है जो कि बिल्कुल भी अच्छी बात नहीं है। और इससे आपकी Website की या Blog  की प्रतिष्ठा Google के नज़रों में खराब हो जाती है।

इसका मतलब यह नहीं है कि आप आपके Blog या Website को Social Media Platform पर Free  में Promote कर ही नहीं सकते।

बिल्कुल कर सकते हैं लेकिन उसकी भी एक टेक्निक (Technique) होती है जिससे कि Google को यह ना लगे कि बंदा हर जगह पर हर Group में जा जाकर सिर्फ अपनी Link Paste करते जा रहा है। किस का सही तरीका यह है कि आपको आपके विषय से संबंधित Groups को ढूंढना है कि कौन से लोग है जो आप के विषय से संबंधित किसी सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं और आपने उनकी Help करने के लिए वहां पर कुछ 8-10 पंक्तियां लिखनी है जिन्हें पढ़कर उनका आपके जवाब को अधिक विस्तार से पढ़ने का Interest  बढ़ जाए और उसके बाद अपनी Website के Link डालना चाहिए ताकि वह आपके द्वारा दी हुई link पर Click करने के लिए मजबूर हो जाए। । अगर उन्हें आपका जवाब अच्छा लगा तो वह ज़रूर आपके जवाब को पूरा पढ़ने के लिए आप ने दिए हुए Link पर Click करेंगे इससे आपकी Google की नजर में Reputation भी अच्छी रहेगी।

दूसरा जो तरीका है जिसमें हमें Advertisement खरीदने पड़ते हैं जो कि हमने Search Engine Marketing में देखा।  तो उससे हमें चाहे जितनी Traffic तो ज़रूर मिलती है लेकिन उसके लिए हमें इन Social Media Platforms और Search Engines को  Advertisement खरीदने के लिए पैसे भी देने पड़ते हैं और यह Advertisement हमें तब तक खरीदते रहना पड़ता है जब तक हम हमारे Website पर Traffic लाते रहना चाहते हैं।

इसीलिए SEO  यह एकमात्र ऐसा  Powerful ज़रिया है जिस पर अगर आपने अच्छी मेहनत की तो millions dollar  खर्च ने के बाद जितनी Traffic मिलेगी उससे कहीं ज्यादा Traffic आपको हमेशा FREE मिलती रहेंगी।

वैसे तो SEO के 200 से भी ज्यादा  Ranking Factors है जो किसी भी Website को Google में Rank होने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। हम इनमें से Domain Level Factors और Page-Level महत्वपूर्ण Factors के बारे में जानेंगे जीन के ऊपर हमें पूरे बारीकी से ध्यान देना पड़ता है। जो आपके Website को Search Engine में Rank करने में सहायक  होंगे।

इतना करने के बावजूद भी हमारी Website को Google के Search Engine में दिखने के लिए कम से कम 6 से 12 महीने तक का समय लग  सकता हैं या उससे भी ज्यादा।

  • Domain Factors
  • Page-Level Factors

Domain Factors :-

आप जब भी आपके Website या Blog के लिए domain name खरी देंगे तो इन बातों का खास कर ध्यान रखिए ताकि आपको शुरुआत से ही आपके Website का SEO  मजबूत करने में आसानी होगी।

  1. domain age ;- इसमें सबसे पहला factor है domain age Domain की उम्र यानी अगर आपके Website का Domain यह आपने  आपके competitor के Domain Name से तीन चार साल पहले ख़रीदा है या उससे भी ज्यादा पहले तो इस बात का भी आपको SEO  मैं फायदा होता है। लेकिन 5,6 महीने का अंतराल होने से कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।
  2. Keyword Apperance :- आपके Domain Name में आपका Keywords होने से Search Bots को Website के बारे में एक relieving संकेत मिलता है। उसमें भी आपके Domain Name  कि पहले शब्द की की शुरुआत अगर Keywords से ही होती है तो इससे आपको और अच्छा फायदा मिल सकता है।
  3. Domain Length :- आप जब भी Domain खरी देंगे तब इस बात का हमेशा ध्यान रखिए कि उसकी लंबाई 15  अक्षर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। क्योंकि Domain Name की लंबाई जितनी छोटी होंगी उतना ही वह लोगों को याद रखने में आसानी होगी उदाहरण के तौर पर आप देख सकते हैं बड़ी-बड़ी कंपनियों के Domain Name सिर्फ एक से दो words के होते हैं। facebook.com, google.com, instagram.com & twitter.com इत्यादि.
  4. Domain History :- बहुत बार लोग Domain Name खरीदने के बाद उसको Renew नहीं करते इसलिए उस Domain का owner कई बार बदलता है।  इस स्थिति में अगर इतिहास में किसी व्यक्ति ने उस Domain Name की reputation खराब करके रखी हुई होगी या फिर उस Domain Name पर अगर कोई penalty लगी होंगी तो वह भी आपको मिल सकती है। इसलिए Domain खरीदने से पहले Domain History ज़रूर जांच लें।
  5. Exact Match Domain (EMD) ;- अगर  आपको ऐसा Domain Name मिल जाता है जिस Name को लोग Search Engine में Keywords के तौर पर इस्तेमाल करते हैं  तो यह आपके Website में Traffic लाने में बहुत ज्यादा असरदार होता है। उदाहरण के तौर पर अगर लोग Search Engine में essay for school इस Keyword का इस्तेमाल अक्सर अलग-अलग विषयों पर  लिखें Essay को ढूंढने के लिए करते हैं। और अगर आप भी आपकी Website को इसी विषय पर Rank करना चाहते हैं और खुशकिस्मती से आपको www.essayforschool.com यह Domain Name मिल जाता है तो इसे Exact Match Domain कहते हैं। साथ ही अगर आप आपके Domain Name  की शुरुआत buycheap – – .com से करते हैं तो Google की नजर में यह एक Brand के तौर पर दिखता है और आपके Domain को Search Engine में Rank होने में फायदा मिलता है।
  6. Who Is :- हर Domain Name बेचने वाली Company Who Is guard opton देती है जिससे कि आपकी Identity secret रहती है लेकिन Identity hide रखने से Google को Website पर शक होता है और   और साथ ही अगर कोई व्यक्ति ऐसा है की जिसने अपना Privacy Protection On करके रखा हुआ है और उसे Google ने analyse किया हुआ है तो ऐसी स्थिति में Google उसके Profile को Scan करके उससे जुड़ी हुई बाकी दूसरी Websites का भी पता लगाने की कोशिश करता है। इसलिए मेरी आप  को यह सलाह है कि ऐसा कोई भी काम ना करें जिससे कि आपके Website को Google panelize करें। उम्मीद है आपको यह कुछ Important Domain से Related Factors थे वह समझ में आ गए होंगे।

Page-Level Factors :-

आप जब भी अपने Website पर Content लिखेंगे तो नीचे दिए हुए सभी Page-Level Factors का गंभीरता से अध्ययन करें और उनको अपनी Website के हर Page पर अमल करने का ज्यादा से ज्यादा प्रयास करें क्योंकि Page-Level Factors भी SEO   में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  1. Heading :- आपकी Website के पेज का Title हमेशा H1  में ही होना चाहिए, और हर पेज पर सिर्फ एक ही h1 Heading रखने की कोशिश कीजिए।
  2. Keword In Title :-    हर पेज के Title में Keyword  होना चाहिए। साथ ही कोशिश यह करें के आपके हर Page के Title की शुरुआत Keyword से ही हो।
  3. keyword in meta description :-  आपकी Website Page का meta description  ज्यादा से ज्यादा 150 अक्षरों का होना चाहिए  और उसमें भी आपके Pagr का मेन Keyword होना चाहिए जोकि आपने Title में लिखा होता है।  meta description क्या होता है यह आपको नीचे दी हुई Screenshot से समझ में आ जाएगा।
  4. Keyword in url :- आपकी Post का जो url होगा उसमें भी आपका Keyword होना बहुत जरूरी है। जैसे कि अगर आपकी Website www.xyz.com है  और आपने आपकीPost के Title में bestfruits यह Keyword इस्तेमाल किया है तो आपके पेज का यूआरएल www.xyz.com/bestfruits होना चाहिए।
  5. Table of Content :- Table of Content के Page पर होने से users को आपके Page पर क्या Content  है यह एक Table में ही दिखता है और उसे Page पर दिए हुए किसी भी Content के ऊपर Direct जाने के लिए Table of Content बहुत जरूरी है। WordPress में इसकी बहुत सारी Plugins उपलब्ध है।
  6. Content length : –  आपके Post की लंबाई जितनी ज्यादा होगी उतना ही Google को यह signal जाता है की इस Post में बहुत गहरा ज्ञान दिया गया है।  वैसे तो Post मैं 600 शब्द ठीक है, लेकिन आपको अगर Post को अच्छे से Rank करना है तो आपके हर Post मैं कम से कम 2000+ से ज्यादा शब्द होने चाहिए।
  7. Keyword density – आपने आपकी Post में कितने शब्दों के प्रतिशत Keywords इस्तेमाल किया है उसे Keywords density कहते हैं। आपका Article अगर 1000 शब्दों का है तो उसमें ज्यादा से ज्यादा 10 Keyword होनी चाहिए। प्रतिशत के हिसाब से अगर देखा जाए तो 1 से 3 के बीच में आपके Keyword की Density होनी चाहिए। अगर इससे ज्यादा आप Keyword का इस्तेमाल करते हैं तो यह Keyword Spam समझा जा सकता है।  और इससे आपके Website को फायदा होने की बजाय नुकसान हो सकता है।
  8. Page loading speed -आपके Blog की Link पर या किसी विशिष्ट Post की Link पर Click करने के बाद वह कितने देर में Open होती है उसे Page loading speed कहते हैं।  आपका पेज अगर 2 सेकेंड के अंदर Open होती है तो यह अच्छी Page loading speed है।
  9. Duplicate content :- Simple भाषा में बताया जाए तो एक ही Content अगर Internet पर ज्यादा बार दिखाई दे रहा है तो इसे Duplicate content कहते हैं। इसलिए आप जब भी अपनी Website पर Blog पर कोई Post लिखें तो Content कहीं से चोरी करके Copy Paste, Article Spin करके ना लिखें।  हां आप लिखने के लिए समान विषयों से जुड़ी Website से अभ्यास करके अपने अनुसार उनसे बेहतरीन Content लिखने का प्रयास करें, लेकिन उसे बिल्कुल same to same copy ना करें।
  10. Image optimization :- कोई भी Image Upload करने से पहले उसकी Size कम करना, proper Alt Tag, Caption, Description & Address देना  Image optimization होता है। Image Compress करने की बहुत सारी Websites और plugins Internet पर उपलब्ध है।
  11. Freshness :- किसी भी query का result दिखाने के लिए Google के Search Bots latest Publish किए हुए Content को ज्यादा महत्त्व देते हैं। लेकिन इसमें भी Website की history, reputation, content quality, content-length, चीजें पहले देखी जाती है।  Domain अथॉरिटी (DA) पेज अथॉरिटी (PA) इस से Google को ज्यादा कुछ लेना-देना नहीं रहता है क्योंकि DA , PA यह Google ने Introduce नहीं किया है। इसे moz नाम की एक बड़ी website ने Introduce किया है।
  12. Internal links – एक ही Website / Blog में एक post से दूसरे post को Refer / Forward करना Internal linking कहलाता है। इससे Search Engine को यहां Signal जाता है, कि आपकी Website जिस विषय पर बनी है उस पर उस विषय से संबंधित ढेर सारी जानकारी उपलब्ध है और आपकी Website उस विषय पर ही है।
  13. Outbound links And nos – आपकी Website पर किसी और की Website की Link लगाना यानी Outbound links कहलाता है। अगर संख्या की बात करें तो, आपका Article अगर 1000 शब्दों का है तो 6 से 10 Outbound links ठीक है लेकिन और ज्यादा से ज्यादा 14 से 16 Outbound linking चल जाती है इससे ज्यादा Outbound linking करने से बचे।
  14. Mobile Friendly :- यहां पर आप Theme कौन सी Use करते हैं यह सबसे Important Factor है। आपकी Website ऐसी होनी चाहिए कि लोग अगर उसे Desktop Computer (PC), Laptop या Mobile किसी भी Device पर देखें, तो उन्हें आपका Content एकदम अच्छे से दिखाई देना चाहिए Mobile Friendly Test करने के भी कई Website उपलब्ध है।
  15. Site map :- किसी भी Website पर Site map बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह Google के Bots और Website पर भेंट (Visit) करने वाले लोगों को  Site map की मदद से Website Use करना आसान हो जाता है इसमें सभी Pages, Post की List तैयार हो जाती है। इसीलिए Site Map का होना Google के नजरिए से बहुत महत्वपूर्ण है।

इन सभी Points के ऊपर आपने ठीक से काम किया तो आपकी Website Google में Top पर ज़रूर Rank करेगी।  साथ ही, मैंने मेरी इस Post में लगभग सभी Tools Link और उन के  इस्तेमाल के बारे में विस्तार से बताया है।

SEO से जुड़े और भी महत्वपूर्ण Factors है उसके बारे में मैं और भी Post डालने वाला हूं। इसलिए आपको फिर से याद दिलाता हूं कि अगर अभी तक आपने Subscribe Form Fill नहीं किया है, तो जल्दी से कर लीजिए। ताकि भविष्य में इस विषय से संबंधित और भी जो Post आने वाली है उसके Notifications आपको सरल भाषा में समय-समय पर मिलते रहे.

धन्यवाद।

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